राजस्थान सरकार ने अनाथ और आर्थिक रूप से कमजोर बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Hamari Beti Yojana शुरू की है। इस योजना के तहत अनाथ बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और समाज में एक सशक्त स्थान बना सकें।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का उद्देश्य
राजस्थान मुख्यमंत्री Hamari Beti Yojana का मुख्य उद्देश्य आर्थिक कठिनाइयों के कारण पढ़ाई छोड़ने वाली मेधावी छात्राओं की मदद करना है। यह योजना हर जिले से चार मेधावी बेटियों को चयनित कर शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें मुफ्त शिक्षा और अन्य सुविधाएं प्रदान करती है। इस पहल से बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
योजना के अंतर्गत चयनित छात्राओं को निम्न लाभ दिए जाएंगे:
मुक्त शिक्षा का लाभ – माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में 75% से अधिक अंक प्राप्त करने वाली तीन बेटियों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। इनमें दो सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली और एक बीपीएल श्रेणी की सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली छात्रा को शामिल किया जाएगा।
आर्थिक सहायता – 11वीं से स्नातकोत्तर स्तर तक, छात्राओं के शिक्षा शुल्क, कोचिंग शुल्क, छात्रावास शुल्क जैसी सभी जरूरतों का खर्चा सरकार उठाएगी।
खेल और प्रतियोगी परीक्षाओं में सहयोग – जो छात्राएं खेल, इंजीनियरिंग, मेडिकल या अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ना चाहती हैं, उन्हें भी सरकार अलग से वित्तीय सहायता देगी।
चयन प्रक्रिया और जिलों में विस्तार
इस योजना का विस्तार राज्य के 33 जिलों में किया गया है, जिसमें 99 मेधावी बेटियों का चयन किया जाएगा। योजना के तहत चयनित छात्राओं के शुल्क और आवश्यक खर्च सीधे उनके संबंधित संस्थानों के बैंक खातों में जमा किए जाएंगे, जिससे उनका अध्ययन बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके।
Hamari Beti Yojana उन बेटियों के लिए एक नई किरण बनकर आई है, जो पैसों की कमी के कारण अपने सपनों को अधूरा छोड़ने को मजबूर होती थीं। अब यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने और उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी।